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इंटरनेट पर राजस्थानी राज

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इंटरनेट पर राजस्थानी राज   अजय कुमार सोनी राजस्थानी भाषा को ख्याति दिलाने में इंटरनेट भी एक सशक्त जरिया बना है। नेट पर राजस्थानी को हर किसी ने चाहा तथा सम्मान दिया है। सरकारी वेबसाइटों पर भी अब राजस्थानी देखने को मिल रही हैं। श्रीगंगानगर जिला इस पहल की शुरुआत करने वाला पहला जिला है। इस जिले की सरकारी वेबसाईट पर राजस्थानी को सबसे पहले शामिल किया गया है। इंटरनेट पर राजस्थानी को अपनी पहचान दिलाने के लिए ब्लॉग सशक्त माध्यम बनकर उभरे हैं, इंटरनेट पर राजस्थानी भाषा और साहित्य के प्रचारक तथा साहित्यकार इन माध्यमों से निरंतर जुड़ रहे हैं। राजस्थानी के ब्लॉग जो अभी तक सामने आएं हैं, उनमें राजस्थान की भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के साथ-साथ दूसरे विषयों की जानकारी भी देखने में आती हैं। इंटरनेट पर राजस्थानी कीजो वेब-पत्रिकाएं सामने आई हैं, वे इस प्रकार हैं- सत्यनारायण सोनी और विनोद स्वामी संपादित 'आपणी भाषा-आपणी बात'  , राव गुमानसिंह राठौड़ का 'राजस्थानी ओळखांण', नरेन्द्र व्यास का 'आखर अलख' व 'आखर कलश', दुर्गाप्रसाद अग्रवाल का 'जोग-लिखी

पत्रकार आवास योजना को तुरन्त प्रभाव से लागू करने की मांग

6 Jan 2011 नगरपालिका स्तर पर पत्रकारों को भूखण्ड आवंटित करने की मांग हनुमानगढ। राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ जिला इकाई ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री अशोक बैरवा एवं निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशालय को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणाओं की क्रियान्विति की मांग की है। जिलाध्यक्ष अनिल जांदू ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बजट भाषण में राज्य में जिलास्तर पर पत्रकार आवास योजना शुरू करने की बात कही थी। इस योजना में पत्रकारों को आरक्षित दर की पच्चास प्रतिशत पर भूखण्ड आवंटित किए जाने थे। योजना के प्रथम चरण में पिंकसिटी प्रेस इन्क्लेव के तहत जयपुर में भूखण्ड आवंटित कर दिए गए हैं जबकि जिला मुख्यालयों व नगर परिषद् / पालिका स्तर पर योजना अभी तक लागू नहीं हो पाई है। इसके अलावा राज्य के समाचार पत्रों की विज्ञापन दर बढाने की घोषणा की गई थी, वहीं सभी छोटे समाचार पत्रों को वर्ष में कम से कम बारह सौ सेमी. के विज्ञापन जारी करने की घोषणा की गई थी, जो अभी तक पूर्ण रूप से क्रियान्वित नहीं की गई है। पत्रकार संघ ने पत्रकार हितों को लेकर की गई इन घोषणाओं को तुरन्त प्रभाव