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राजस्थान में ही नौकरी से महरूम हुए राजस्थानी

राजस्थान में ही नौकरी से महरूम हुए राजस्थानी अन्य प्रांतों की भाषाओं को मिली प्राथमिकता राजस्थान प्रांत में अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए जो माध्यम भाषाएं निर्धारित की गई हैं उनमें हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गुजराती, पंजाबी, सिंधी तथा उर्दू शामिल हैं , मगर यहाँ की प्रमुख भाषा राजस्थानी को कोई स्थान नहीं। जयपुर. निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत उच्च प्राथमिक स्तर पर बालक को उसकी मातृभाषा के माध्यम से शिक्षण करवाने का प्रावधान है और यही वजह है कि विभिन्न प्रांतों में आयोजित हो रही अध्यापक पात्रता परीक्षाओं में उन भाषाओं को शामिल किया गया है, जो उस प्रांत के लोगों की मातृभाषाएं हैं। यह सर्वविदित है कि राजस्थान की प्रमुख भाषा राजस्थानी है और उक्त कानून की पालना की जाए तो यहां राजस्थानी को शिक्षा का माध्यम बनाया जाना चाहिए, मगर विडम्बना देखिए कि राजस्थान प्रांत में अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए जो माध्यम भाषाएं निर्धारित की गई हैं उनमें हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गुजराती, पंजाबी, सिंधी तथा उर्दू शामिल हैं। मतलब राजस्थान में उक्त भाषा-भाषियों के