पंजाबी साहित्य की वेबसाइट का लोकार्पण
श्रीगंगानगर। उभरते हुए प्रतिभाशाली कवि गुरमीत बराड़ द्वारा तैयार पंजाबी साहित्य की ऑनलाइन पंजाबी पत्रिका लिखतम का लोकार्पण 'सीमा सन्देश' कार्यालय में आज सुबह विख्यात राजस्थानी कवि मोहन आलोक, श्रेष्ठ पंजाबी कहानीकार हरपाल सिंह लखियां, संस्कृत के विद्वान डॉ. सत्यव्रत वर्मा, मेजर रवि किंगरा, राजस्थान साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष विद्यासागर शर्मा, अली मोहम्मद पडि़हार, प्राचार्य अरविन्द्र सिंह, पंजाब से साहित्यकार महेन्द्रजीत सिंह बहावालिया, भारत भूषण शून्य, सीमा सन्देश के सम्पादक ललित शर्मा आदि की उपस्थिति में किया गया। यह राजस्थान की पहली पंजाबी साहित्य की ऑनलाइन पंजाबी पत्रिका है। इसका नामकरण गुरबाणी में से शबद लेकर किया गया है। पंजाबी साहित्य के अलावा अन्य भाषाओं के साहित्यकारों को भी इसमें स्थान दिया गया है। इनमें स्थानीय लेखक यथा- मंगत बादल, ओम पुरोहित 'कागदÓ भी शामिल हैं। हरपाल सिंह लखियां, मेजर मांगट, संतोख सिंह आदि की कहानियों, दर्शन बुट्टर की कविताओं के साथ-साथ लखियां के कहानी संग्रह सहित कुछ पुस्तकों की समीक्षा भी है। स्वयं गुरमीत बराड़ की पुस्तकों की जानकारी भी इसमें दी गई है। व्यंग्य और खोज पत्र भी शामिल किये गए हैं। उपस्थित साहित्यकारों ने कहा कि इस ऑनलाइन पंजाबी पत्रिका के लोकार्पण से पंजाबी साहित्य का प्रचार-प्रसार होगा। दुनिया भर के पंजाबी भाषी साहित्य प्रेमियों के लिये यह वेबसाइट बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। दुनिया के कई देशों में पहले ही इस वेबसाइट का चर्चा पंजाबी भाषियों में हो रही है। लोगों को कविता, कहानी, व्यंग्य आदि की जानकारी पलक झपकते ही मिल जायेगी। श्री बराड़ ने अपनी वेबसाइट लिखतम में चुनिंदा कहानियों और कविताओं का समावेश किया है, जो साहित्यकारों को तो पसंद आयेगी ही, बल्कि इसे पढ़कर युवा जो साहित्य में रुचि रखते हैं, उन्हें आगे बढऩे की प्ररेणा मिलेगी। वेब www.Likhtam.com सर्च कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।