टोडिये पालने पर मिल रहे रुपए, किसान राजी


 टोडिये पालने पर मिल रहे रुपए, किसान राजी


ऊंट संरक्षण योजना में पांच-पांच हजार सीधे खाते में हो रहे ट्रांसफर 

अब मात्र फोटो खिंचवाने का माध्यम नहीं बनेगा रेगिस्तान का जहाज 

✍️ अनिल जान्दू

हनुमानगढ़/श्रीगंगानगर। इन दिनों राजस्थान प्रदेश ऊंट संरक्षण में सिरमौर बन रहा है। यहां टोडिये यानी कि छोटा
ऊंट पालने पर पांच-पांच हजार सीधे खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं। जी, हां अगर आप ऊंट को पालते हो तो सरकार आपको ईनाम दे रही है। 5-5 हजार की राशि सीधे खाते में आ रही है। इस राशि को लेने के लिए श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ के कुल 975 और पूरे राजस्थान में 17000 ऊंट पालक कतार में लगे है। इसी पहल ने ऊंट संरक्षण में राजस्थान को सिरमौर बना दिया है। राज्य पशु ऊंट के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संवेदनशील राज्य सरकार के द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में उष्ट्र संरक्षण योजना संचालित की जा रही है। योजना के अंतर्गत ऊंट पालकों को सीधे ही उनके खाते में पांच-पांच हजार रुपए की राशि हस्तांतरित की जा रही है। योजना का उद्देश्य न केवल रेगिस्तान का जहाज ऊँट का संरक्षण करना है बल्कि ऊंट प्रजनन को प्रोत्साहित करना भी है। इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो रहे है। साथ ही योजना अंतर्गत चयनित ऊंट पालकों के खाते में सीधे ही राशि हस्तांतरित की जा रही है। भौतिक सत्यापन के लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर ऊँटनी एवं टोडियों के लगाए गए टैग एवं नंबरों की जांच कर ही योजना का लाभ दे रहे हैं। हनुमानगढ़ ज़िले कि तहसील संगरिया के गांव नाथवाना निवासी प्रगतिशील  किसान कुलदीप गोदारा ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य पिछले लम्बे समय से ऊँट पालन का कार्य करते आ रहे है। पिछले वर्षों में ऊंटों की घटती संख्या को देखकर वे काफी चिंतित थे। जब पारिवारिक सदस्यों के खाते में 5000 रुपए की प्रथम किस्त जमा हुई तो उनके घर में सबके चेहरों पर मुस्कान थी। विभाग के उपनिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी गांव गांव पहुंच कर ऊंटनी एवं टोडियों में लगाए गए टैग का भौतिक सत्यापन कर रहे है। विभागीय जानकारी अनुसार समय समय पर ऊंटों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए टीकाकरण कर ऊंटपालकों को उन्नत ऊँट पालन के लिए जागरूक किया जा रहा है।


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