अब सतर्क रहने की जरूरत, मास्क को लेकर ना बरते लापरवाही
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में जब-जब कोरोना आया बीकानेर या पंजाब से आया
प्रथम दस्तक चिकित्सालय में और चिकित्साकर्मी लापरवाह
श्रीगंगानगर में दो नये कोरोना रोगी, बीकानेर में कलक्टर भी संक्रमित
बीकानेर में एक्टिव केस का आंकड़ा 28 से ऊपर
✍️ अनिल जान्दू
हनुमानगढ़ में अभी कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित नही मिल रहे। ये सोचना हमारी घोर लापरवाही है। कोरोना के सभी नियमों कि पालना तो दूर कि बात है लेकिन सूटकेस, अलमारियों में बंद मास्क तो अब निकाल कर पहनना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि अब एक बार फिर से कोरोना रोग में बढ़ोतरी का सिलसिला आरंभ हो गया है। मास्क को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अब चेतावनी दे दी है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द ही इस स्थिति को नहीं बदला गया तो नतीजे गंभीर हो सकते हैं। अधिकतर लोग सार्वजनिक जगहों, बाजारों, पार्क और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बिना मास्क के चल रहे हैं जो एक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। इसके नतीजे हम देख चुके है और भुगतभोगी भी है। बहुत कुछ खोया भी है। एक बार पीछे नजर दौड़ा कर देखिए जब-जब श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में कोरोना आया है बीकानेर या पंजाब मार्ग से ही आया है। क्योंकि हमारे यहां से रोजाना सैंकड़ों लोग स्वा स्थय लाभ लेने के लिए बीकानेर जाते हैं और वही के बड़े अस्पताल जो कोरोना के केंद्र बिंदु बन जाते है में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आकर इस रोग की चपेट में आ जाते हैं और घर वापसी पर परिजनों को भी जाने-अनजाने में रोगी बना देते हैं और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यही छोटी सी लापरवाही हमारे और हमारे परिवार के लिए घातक साबित होती है। पंजाब तो वैसे भी दोनों जिलों का सीमावर्ती है। किसी भी रोग से संक्रमित व्यक्ति सबसे पहले चिकित्सालय में जाता है तब तक उसे यह मालूम नहीं होता कि वो कोरोना से पीड़ित हैं और उसकी जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी जब मास्क नही पहनते हैं तो यह बहुत ही गंभीर बात है। जिला और निजी चिकित्सालय में इन दिनों यह लापरवाही साफ देखने को मिल रही है। कम से कम स्वास्थ्य कर्मियों को तो सतर्क रहना चाहिए। दिल्ली सरकार ने तो कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया है। केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य सलाहकारों का मानना है कि आगामी दिनों में 20 हजार प्रतिदिन संक्रमित रोगी सामने आ सकते हैं। श्रीगंगानगर जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. केएस कामरा ने बताया कि गुरुवार को जांच के दौरान दो कोरोना रोगी सामने आये हैं। इन दोनों की स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत इनको आइसोलेट किया गया है। वहीं बीकानेर में जिला कलक्टर भी कोरोना रोग से संक्रमित पाये गये हैं। डीएम भगवती प्रसाद कलाल की जिस समय पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आयी, उस समय वे बीकानेर में एक बैठक ले रहे थे। हालांकि उन्होंने मास्क लगाया हुआ था। बीकानेर में कोविड से पीडि़त हो रहे अधिकांश रोगी वैक्सीनेशन करवा चुके हैं। अब तक चपेट में आए लगभग सभी के कम से कम दो बार कोविड वैक्सीन लगी हुई है। वहीं अनेक ऐसे भी है, जिनके बूस्टर डोज तक लग चुकी है। बीकानेर कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल को भी बूस्टर डोज तक लगी हुई है लेकिन इसके बाद भी वो कोविड की चपेट में आ गए। हालांकि उनकी सेहत सामान्य बताई जा रही है। सीएमएचओ डॉ. अबरार पंवार ने बताया कि एक्टिव केस का आंकड़ा 28 तक पहुंच गया है। ओमिक्रॉन वायरस के सब वैरिएंट XBB 1.16 के कारण कोविड-19 के मामलों में रोज हो रही बढ़ोतरी और बड़े शहरों के बिगड़ते हालात को लेकर आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री समीक्षा बैठक करेंगे ।
कोविड के नए वैरिएंट के लक्षण
XBB 1.16 वैरिएंट के सामान्य लक्षणों में सांस संबंधी बीमारियां, सिरदर्द, गले में खराश, नाक बंद होना, बुखार और मांसपेशियों में दर्द के लक्षण शामिल हैं। इसके संक्रमण से पाचन तंत्र पर भी असर पड़ सकता है। ऐसा होने पर प्रभावित व्यक्ति को डायरिया हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और नियमित रूप से हाथ धोने के अलावा कोविड वैक्सीन भी जरूरी है। जिन लोगों को अभी तक कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज नहीं लगी है, उन्हें सलाह दी गई है कि वो जल्द ही अपना टीकाकरण पूरा करें। जो लोग पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।