कैच लेता चेतो चुक्यो अर वार्नर गो हाडको टूट्यो....
कैच लेता चेतो चुक्यो अर वार्नर गो हाडको टूट्यो....
जी हां कुछ ऐसा ही सुनने को मिलेगा क्योंकि अब IPL में होगी राजस्थानी में कमेंट्री
करोड़ों भाषा प्रेमियों कि भावनाओं का हुआ सम्मान
अब सरकार को भी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर देनी चाहिए मान्यता
राजस्थान रॉयल्स के हर मैच में आकाश पुरोहित करेंगे कमेंट्री
कैच लेता चेतो चुक्यो अर वार्नर गो हाडको टूट्यो....जी हां कुछ ऐसा ही सुनने को मिलेगा क्योंकि अब IPL में होगी राजस्थानी में कमेंट्री। आईपीएल का क्रेज इन दिनों पूरे देश में परवान पर है। लेकिन इस बार आईपीएल के साथ जिओ सिनेमा ने कुछ नवाचार करते हुए स्थानीय भाषा में कमेंट्री को प्रमोट किया है जिसमें राजस्थानी भाषा का भी चयन किया है। जिओ सिनेमा ने करोड़ों भाषा प्रेमियों कि भावनाओं का सम्मान करते हुए यह फैसला लिया है। इसके लिए जोधपुर के कंप्यूटर इंजीनियर आकाश पुरोहित का चयन राजस्थान रॉयल्स फैन पेज पर राजस्थानी भाषा में कमेंट्री के लिए हुआ है। जोधपुर के आकाश अपने तीन और साथियों के साथ राजस्थान रॉयल्स फैन पेज में जियो सिनेमा पर मैच के प्रसारण के दौरान राजस्थानी भाषा और हिंदी में कमेंट्री करेंगे। आकाश का चयन राजस्थान रॉयल्स की एक सोशल मीडिया टीम ने किया था। इसके बाद जिओ सिनेमा की टीम की ओर से इंटरव्यू हुआ और 3 दिन तक ट्रेनिंग हुई। क्रिकेट के शौक और नॉलेज के साथ साथ भाषा पर गहरी पकड़ के चलते आकाश का सिलेक्शन आसानी से हो गया। इस पूरे आईपीएल सीजन में जब भी राजस्थान रॉयल्स के मैच होंगे उसमें आकाश और उनके साथ सौरभ पारीक राजस्थानी भाषा में कमेंट्री करेंगे। इनके दो और साथी हिंदी में कमेंट्री करते हैं। इस बार जिओसिनेमा ने आईपीएल मैच देखने के लिए एक नई पहल की है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निशुल्क जिओसिनेमा पर यह मैच देखे जा सकते हैं। इसमें फैन पेज सेगमेंट में राजस्थानी और हिंदी भाषा में कमेंट्री आती है। इसके अलावा जिओसिनेमा ने और भी लोकल लैंग्वेज में कमेंट्री के लिए लोगों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा है। राजस्थानी भाषा साहित्य मंच के प्रदेशाध्यक्ष और राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश सचिव अनिल जान्दू ने बताया कि राजस्थानी भाषा, संस्कृति, पहनावे को सिनेमा जगत द्वारा सीरियल और फिल्मों में बहुत प्रमोट किया जा रहा है। राजस्थानी भाषा कमेंट्री को लेकर इन दिनों लगभग सभी टीवी चैनलों पर फिल्म/सीरियल/न्यूज के ब्रेक आने पर एड भी खूब दिखाई जा रही है। करोड़ों राजस्थानियों कि भावना को जिओ सिनेमा ने समझा है अब सरकार को भी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कर मान्यता दे देनी चाहिए।